Wednesday, November 14, 2007

एक कट्टा

देखा है कभी
किसी कट्टे को
कार्बाइन कि तरह चलते हुए,
हमारी तरफ एक ऐसा ही है
साइकिल के डंडो से पनपा
यह बेकाम हथियार
शॉट पर शॉट चलाता है
भर दो इसका पेट
और थमा दो एक कन्धा
संभालने को
यह दनादन चलता है
कट्टा है पर
मशीन-गन को मात देता है
जरा घोडा तो दबाये रखो
क्या जोड़ी बनती है
घोड़े पर कट्टा
या फिर
कट्टे पर घोड़ा
वही पुरानी
कहावत चरितार्थ
करती है यह
'कमयोगियों' की जात
' दो समान कहीं भी रक्खो
नही रहेंगे साथ'.