Thursday, December 13, 2007

एक बच्चे का खून

अखबारों में एक ताज़ा खबर
निकली है आजकल
गुडगाँव में
दो बच्चों ने
एक तीसरे का खून कर दिया।
मरा हुआ अपने आप को
बच्चा कहने मे
शायद संकोच करता रहेगा
अपनी छोटी सी दुनिया का
एक बड़ा बाहुबली जो था .
अपने घर-परिवार में उसने
बड़प्पन सीखा होगा
जिसकी लाठी उसकी भैंस
देखा होगा
रंगदारी का ज़माना है
ज़रूर समझा होगा
साथियों को ठोकना-पीटना-सताना
बहुत सरल लगा होगा
बहुत मज़ा आया होगा
दूसरे बच्चों का
बचपन चुराने में .
कौन सी बड़ी बात है कि
एकाध पीड़ित बच्चो ने
अपना बचपन दाँव पर लगा
उसका बड़प्पन छीन लिया
मुझे तो दुःख नही होता है.