Thursday, April 10, 2008

एक आम आदमी

एक आम आदमी
अक्सर बहुत ही आम होता है
छोटे दायरों में
छोटी छोटी जरूरतें
और उतने ही छोटे तरीकोंवाला -
एक छोटे से कर्मचारी की
छोटी सी जेब में
एक छोटा सा नोट
छोटी सी एक सुविधा के लिए
सरकाने सा एक छोटा हथकंडा
एक छोटे आदमी का ही रहा है
बड़े लोगों की बड़ी बातें
जो आम है वह तो छोटा है
जो छोटा है वह आम है
आम छोटे-छोटे काम करेगा

छोटे से कमरे में रहेगा
छोटे से संडास में हगेगा
छोटी गाड़ियों में चढ़ेगा
छोटी बोतलें खरीदेगा
छोटे अरमान गढेगा
बडे का दहेज़ ले छोटी को देगा
खूब गुणा-भाग करेगा
खाकी सफ़ेद काली
हर वर्दी से डरेगा
खूब सलामी जड़ेगा
तंत्र को मजबूत करेगा
हर अनुचित करतूत करेगा
निन्यानबे फीसदी झूठ कहेगा

हर ग्रहण पर जम के रोयेगा
बाद में उसके खूब सोयेगा
खासियत के नित स्वप्न बुनेगा
बन कर ख़ास और गिरेगा
सब के सर पे चढ़ा फिरेगा
कुर्सी पकड़ा तो नहीं हिलेगा
समय देकर भी नहीं मिलेगा
मिल गया तो भी नहीं खिलेगा
खिल गया तब तो ख़बर खोजेगा
ख़बरों में आकर ढोंग रचेगा
हाथ जोड़ कर नमन करेगा
लम्बी लम्बी बात बकेगा
अपना छोटा सा साम्राज्य रखेगा
पर ख़ुद को बिल्कुल आम कहेगा
एक आम आदमी बस आम रहेगा