Saturday, August 20, 2011

एक और गांधीवादी

एक और बुड्ढा
बैठ ही गया ।
उपवास के दिन
मम्मी तो शांत रहती है
बुढऊ तो
भाषण भी दे रहे हैं .
जनहित में
जनलोकपाल बैठाने
अन्ना बैठा
बिल बनवाने

भ्रष्टाचार का
खट्टा अचार
लगा नहीं
किस एक को आज
भ्रष्ट है पूरा समाज
अजीब सा
ये वक़्त है
हर भ्रष्ट भी त्रस्त है
सब अस्त-व्यस्त हैं
फिर भी
वो साले मस्त हैं
बुड्ढे के पास
सबका बंदोबस्त है
तभी तो
उनकी हालत
पस्त है
उनकी नाक में
नकेल लगाने
अन्ना बैठा
बिल बनवाने ।

जय हो
जन की
जन गन
मन की
जनता के
जेहन की
जन-शासित
जनतंत्र की
गांधी बाबा के
यन्त्र की
सरकारी सर का
रौब गिराने
जनता की
ताकत दिखलाने
जन-मानस को
फिर हिलाने
गाँधी बाबा की
याद दिलाने
अन्ना बैठा
बिल बनवाने।