Tuesday, March 31, 2020

एक गीत

कभी जो याद आवोगे  तो कर लेंगे
तुम्हें हम याद
तुम्हारी मुस्कुराहट से मिलेंगे
बंद करके आँख
कभी गर दिल धड़कने  जो लगे
तुम्हारे ख़्वाहिश में
हम अपने दिल को कह देंगे
कि कर दे वो तुम्हें आज़ाद
कभी जो याद आवोगे  तो कर लेंगे
तुम्हें हम याद

हमारी जिंदगी की हर खुशी में
शामिल तुम होगे
तुम्हारे ग़म के हर पल को कहेंगे
आजा मेरे पास
तुम्हें पाने की हसरत के वो किस्से
भूल जाएंगे
तुम्हारी चिर-ख़ुशी की पर तमन्ना
होगी हर पल साथ
कभी जो याद आवोगे  तो कर लेंगे
तुम्हें हम याद

अपनी चाहतों को वो जो पा लेते हैं
खुशकिस्मत
हमारी खुशनसीबी ये कि हमने
तुमको चाहा था
समय तो खींच ले जाता है हर को
नए किनारों पर
मेरे जेहन में खुशबू पर तुम्हारी
है सदा आबाद
कभी जो याद आवोगे  तो कर लेंगे
तुम्हें हम याद






Sunday, March 1, 2020

एक स्वप्न

एक रात सपने में देखा
कि मैं भूत बन गया हूँ
स्याह अँधेरे में
लहराता हुआ
एक पेड़ से दुसरे पेड़
चक्कर काट रहा था
ना बिजली के तारों से
सटने का डर
ना जमीं से हटने का डर।
पत्तों के जाल से
इधर उधर करते हुए
अठखेलिया मनाते
नजर पड़ी
सामने महल की खिड़की पर।
दरारों से निकलती
पैनी रौशनी में मैंने तुम्हें देखा
और आँख खुल गयी
पसीना - पसीना मैंने महसूस किया
तुमसे बिछड़ने का डर।